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हीरा वहाँ ना खोलिये, जहाँ कुजड़ों की हाट।
बांधो चुप की पॉटरी, लागहू अपनी बाट ॥
जाती ना पूछो साधु की ,पूछ लीजिए ज्ञान ।
मोल करो तलवार का, पड़ा रहन दो म्यान ॥
धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय ।
माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय ॥
हीरा वहाँ ना खोलिये, जहाँ कुजड़ों की हाट।
बांधो चुप की पॉटरी, लागहू अपनी बाट ॥
जाती ना पूछो साधु की ,पूछ लीजिए ज्ञान ।
मोल करो तलवार का, पड़ा रहन दो म्यान ॥
धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय ।
माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय ॥
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